हेलो दोस्तों आज के गीत बहुत खूबसूरत है एक बहन या एक बेटी के मायके कोई याद करके रो रही या बता रही है अपने सखी से जीस मायके में मां नहीं होती है पापा नहीं होता है या बहन नहीं होती या भाई नहीं होता है या भतीजा नहीं होता है तो उसके मायके में कुछ नहीं है हर एक जगह हर एक रस्मों में हर एक बातों में अपने फैमिली को याद करती है और जिस घर में पली बड़ी होती है उसका एक-एक पल बहुत कीमती होता है रक्षाबंधन पर भाई का और जब बेटी के सर पर पिता का हाथ हो मां से दुख सुख बांटना बहन से हंसना बोलना भाभी ,भैया ,भतीजा, यह बहुत जरूरी है किसी के भाई नहीं होते उसे बेटी पर क्या बिताती है वह बहन ही जानते हैं तो यह बहुत खूबसूरत गीत है दोस्तों उम्मीद करती हूं आप लोगों को बहुत पसंद आएगी और ज्यादा से ज्यादा मेरे चैनल को सपोर्ट सब्सक्राइब कीजिएगा और गीत कैसे लगे कमेंट करके लाइक करके बताया धन्यवाद्
बिन माई के नहिहरवा ना भावे राम…२
ना भावे राम….४
बिना माई के नहिहरवा ना भावे राम…२
जिस घर में मम्मी नहीं हो..२
बिना मम्मी के अदरा के करिह राम
बिना मैं के नैहरवा ना भावे राम….२
ना भावे राम….४
जिस घर में पापा नहीं हो…२
बिन पापा के अदरा के करिह राम
बिना माई के नैहरवा ना भावे राम….२
ना भावे राम…..४
जिस घर में भैया नहीं हो..२
विन भैया के रखिया का होहिह राम
बिना माई के नैहरवा ना भावे राम…..२
ना भावे राम….४
जिस घर में बहना नहीं है
बिन बहन से हंसके, के बोल हैं राम
बिना माई के नई हरवा ना भावे राम…..२
ना भावे राम….४
जिस घर में भतीजा नहीं हो..२
बुआ कह के बुलईह के कर राम
बिना माई के नैहरवा ना भावे राम….२
ना भावी राम…४